श्रीगंगानगर का इतिहास
श्रीगंगानगर भारत के
राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर ज़िले में स्थित एक नगर है। जिले की सीमाएं हनुमानगढ, बीकानेर, पंजाब के फाजिल्का तथा पाकिस्तान के बहावलनगर से लगती हैं। बठिण्डा, अम्बाला, हरिद्वार, दिल्ली, आगरा, कानपुर, पटना, हावड़ा, भोपाल, बीकानेर, जयपुर, कोटा, झालावाड़, जोधपुर, अहमदाबाद, सूरत, अकोला, नांदेड़, वसाई रोड, मुम्बई, कोजीकोड, एरनाकुलम, कोच्चुवेली, के लिए रेल सेवाएं
Maharaja Ganga Singh, with his son in 1914.
इतिहास
ठाकुर देशराज ने लिखा है...वर्तमान गंगानगर पहले रामनगर कहा जाता था। जिसकी स्थापना सन् 1910 में हुई। इससे बहुत पहले यह रामू जाट की ढ़ानी थी। सन् 1927 में गंगनहर के उदघाटन के बाद महाराजा गंगासिंह ने रामनगर को गंगानगर नाम दिया। रामनगर अब पुरानी आबादी के नाम से पहचाना जाता है।
एक रामनगर ही क्या अनेकों पुराने शहर और कस्बों को बीका की संतान के राजाओं ने अपने नाम पर बादल दिया।
गंगानगर की भूमि का भी एक इतिहास है। महाराजा बीकानेर ने डंगली सधुओं से एक लाख रुपये उधार लिए और साधू भगवानगिरि को ताम्रपत्र पर लिखकर दिया कि यहाँ की एक लाख बीघा जमीन तुम और तुम्हारे शिष्यों के पास पीढ़ी दर पीढ़ी रहेगी। लेकिन जब गंगनहर का इस भूमि से गुजरने का सर्वे हुआ तो उस समय के साधू नर्मदागिरी, जो जन्म से जाट था, धोखे-धड़ी से 30000 रुपये सालाना पर 99 वर्ष का पट्टा इस जमीन का महाराजा गंगा सिंह ने करा लिया।
गंगानगर से आगे हिंदूमलकोट है। भारतीय पंजाब का यह सीमांत गाँव है। यहाँ रेलवे स्टेशन भी है। यह नाम बीकानेर राज्य के दीवान हिंदूमल वैश्य के नाम पर रखा गया है। जब अंग्रेज़ सरकार की मध्यस्तता में बीकानेर और भावलपुर राज्य की सीमा की हदबंदी हुई तो हिंदूमल ने अपनी बुद्धिमत्ता से लगभग 60000 वर्गमील का इलाका बीकानेर का साबित करा दिया। फूलड़ा और बल्लड़ नाम के गाँव भी इसी हदबंदी में आ गए। हिंदूमल ने लालगढ़ के भोपा जाणी को अपनी योजना का सहायक बनाया। भोपा ने कई कोस तक जगह-जगह जमीन में कोले गाड़ दिये और सबूत के समय बताया कि यहाँ तक हमारी गायें चरने आती थी। यहाँ-यहाँ हमने लकड़ी जलाई। उसके जो कोले बचे वे जमीन में मौजूद हैं। इतना इलाका बीकानेर को मिल गया। लेकिन इस राजभक्त हिंदूमल को एक दिन हीरा की कनी खाकर अपनी जान देनी पड़ी क्योंकि महाराजा बीकानेर उससे किसी बात पर अधिक नाराज हो गए थे। भोपा जाणी को इतना इनाम मिला कि एक पीढ़ी के लिए उसकी खुदकास्त जमीन पर लगान माफ कर दिया।
ठाकुर देशराज ने लिखा है ....चौधरी रामूराम, चौधरी हरीश्चंद्र जी के पिताजी, अन्य लोगों की तरह अशिक्षित नहीं थे। रतनगढ़ में एक साधू मोतीनाथ जी से शिक्षा प्राप्त की थी। रतनगढ़ का पहला नाम कोहलासर था। जो कि कुम्हारों की बस्ती होने के कारण मशहूर थी। सिहाग जाटों का जब यहाँ से स्वामित्व समाप्त हो गया तो राठौड़ नरेश सूरत सिंह ने अपने पुत्र रतन सिंह के नाम पर रतनगढ़ रखा। इन राजाओं ने अनेक जगहों के नाम इसी प्रकार पुराने नाम बादल कर अपने वंशजों के नाम पर रख दिये। भटनेर जैसे इतिहास प्रसिद्ध नगर का नाम बादल कर हनुमानगढ़ और रामनगर का नाम गंगानगर बना दिया।
गंगानगर जनपद का प्रमुख प्रशासकीय केंद्र तथा विकासशील नगर भी है। इसका नामकरण बीकानेर के महाराज गंगासिंह के नाम पर हुआ है। यह जिले के सर्वाधिक समुन्नत तथा सिंचित कृषिक्षेत्र में स्थित होने के कारण प्रमुख व्यापारिक मंडी तथा यातायात केंद्र हो गया है। श्रीगंगानगर को राजस्थान का अन्न का कटोरा भी कहा जाता है | यहाँ जनपदीय प्रशासनिक कार्यालयों तथा न्यायालयों के अतिरिक्त कई स्नातक महाविद्यालय तथा अन्य सांस्कृतिक संस्थान हैं। यह नगर पूर्णतया 20वीं शताब्दी की देन है। पहले इसे रामनगर या रामू की ढाणी कहते थे। बाद में गंगानगर हुआ। लेकिन गंग-नहर सिंचाई परियोजना द्वारा क्षेत्र में कृषि का विकास होने के कारण इसकी जनसंख्या अधिक बढ़ गई है। यहाँ 1945 में चीनी का कारखाना खोला गया। यहाँ एक औद्योगिक संस्थान की भी स्थापना हुई है। श्रीगंगानगर में श्री बुड्ढाजोहड़ गुरुद्वारा व लैला-मजनुं मजार तथा श्रवण टीला भी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं |
श्रीगंगानगर का किन्नू सर्वाधिक लोकप्रिय हैं।
जलवायु
श्री गंगानगर की जलवायु बहुत गर्म है। गर्मी में तापमान 52° सेल्सियस पहुंच जाता है और शीतकालीन में -2° सेल्सियस के आसपास गिर जाता है। औसत वार्षिक वर्षा केवल 20 सेमी होती है। वर्षा की मात्रा, जलवायु तथा जलपूर्ति की दृष्टि से यह जनपद राजस्थान के रेतीले एवं शुष्क क्षेत्र में पड़ता है इस संपूर्ण क्षेत्र में जल का धरातलीय प्रवाह (Surface run off) नहीं के बराबर है। संपूर्ण जनपद बृहद बालुकामय मैदान है। एकमात्र नदी घग्गर है जिसका प्रवाह हनुमानगढ़ के पास ही रेत में समाप्तप्राय हो जाता है। जनवरी का अधिकतम ताप 20.70 सें. तथा निम्नतम 2.40 सें. रहता है। ग्रीष्म के जून महीने में अधिकतम ताप 43.0 सें. तक हो जाता है किंतु गंगानगर में 50.0 सें. तक की संभावना रहती है। जिले में औसत वार्षिक वर्षा 8.580 सें. होती है और वर्षा के कुल दिन 15.2 हैं। अधिकांश वर्षा (6.690 सें.) जून-जुलाई-अगस्त महीनों में हो जाती है। राजस्थान में सर्वाधिक रेत के तूफान गंगानगर जिले में ही आते हैं। ओले कभी-कभार, दशाब्दियों में एकाध बार, पड़ते हों।
जिले की रेतीली भूमि में जलपूर्ति करने पर उत्पादन शक्ति बहुत अधिक हो जाती है। घग्गर-घाटी की मटियार भूमि तथा वर्षा ऋतु में भर जाने वाले तालाब तथा झीलों के तल में प्राप्य मटियार दोमट गेहूँ एवं चने की फसलों के लिए प्रसिद्ध हैं। न केवल भाखड़ा-नंगल-योजना के जल द्वारा (संभाव्य सिंचनक्षेत्र 7,70,000 एकड़), प्रत्युत हनुमानगढ़ से विकसित विशाल राजस्थान-नहर-परियोजना द्वारा, जो विश्व में अपने ढंग की सर्वाधिक लंबी नहर है, जनपद का सर्वागीण विकास किया जा रहा है। जिले का गंग-नहर-उपनिवेशक्षेत्र भारत का सबसे कोरा क्षेत्र है जहां सर्वाधिक ट्रैक्टर प्रयुक्त हो रहे हैं। सिंचाई की वृद्धि के साथ कृषि के यांत्रिक साधनों का अधिक उपयोग होता जा रहा है। जनपद में स्थित सूरतगढ़ फार्म एशिया महादेश का वृहत्तम सुनियोजित 30,670 एकड़ का फार्म है जिसमें यांत्रिक कृषि होती है। यह कृषिक्षेत्र प्रयोगशाला सदृश है जिसमें शुष्क प्रदेश के उपयुक्त कृषि का विकास करने, समुन्नत बीज उत्पन्न करने, पशुओं की नस्लें समुन्नत करने आदि के प्रयोग किए जा रहे हैं। अत: जनपद की कृषिव्यवस्था जीविकायापन कृषि की स्थिति से निकलकर वाणिज्य कृषि की ओर तीव्र गति से अग्रसर हो रही है। खाद्यान्नों के अतिरिक्त गन्ना एवं कपास का उत्पादन बढ़ रहा है। कृषि पदार्थों पर आधारित उद्योग-धंधे पनप रहे हैं। गंगानगर में चीनी का कारखाना तथा औद्योगिक संस्थान, हनुमानगढ़ में उर्वरक कारखाना, रायसिंहनगर में औद्योगिक, प्राविधक तथा शैक्षणिक संस्थान आदि जनपद की विकासशीलता के सूचक हैं। भाखड़ा-नंगल-योजना द्वारा जनपद के प्रमुख स्थानों को बिजली प्राप्त हो रही है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार गंगानगर शहर की कुल जनसंख्या 2,10,788 है; और गंगानगर ज़िले की कुल जनसंख्या 17,88,427 है। यह राजस्थान का सर्वाधिक सिख आबादी वाला जिला है। जिला मुख्यालय से पंजाब की सीमा महज पांच किलोमीटर दूर है। जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र बहुल है।
CGR MALL
श्रीगंगानगर मे वर्तमान मे 2 माल हैं,
1. CGR MALL
2. RIDHI SIDHI MALL